Sunday, February 27, 2011

jo manzil tak pahunch jaye Vo musafir hi kya
jo pee ke behak jaye Vo sharabi hi kya
chal kadam dar kadam mere sath us jahan tak
jo thak gaya safar me to vo hamsafar hi kya

मेरा यार मुझसे रूठ गया

मेरा यार मुझसे रूठ गया
मुझ को अकेला छोड़ गया
नज़रों से ओझल हो गया
दिल को बोझिल कर गया
जाने कहाँ वो खो गया
दिल गम में मेरा डूब गया
मिला कर हाथ में हाथ
निकले थे सफ़र में साथ
खुद आगे निकल गया
पीछे मुझ को छोड़ गया
बावफा, बेवफा हो गया
जुदा मुझ से हो गया
हसरत अधूरी रह गयी
चाहत भी पूरी ना हुई
वादे तोड़े, नाते तोड़े
तोड़ी कसमें सारी
मुझ को तो छोड़ा सो छोड़ा
छोडी दुनिया सारी
किस से करूँ शिकवा
किस से करूँ शिकायत
दिल देने वाला ही
दिल तोड़ गया
निरंतर खोज रहा हूँ उसको
जो मुझ से रुस्वां हो गया
मेरा यार मुझसे रूठ गया
मुझ को अकेला छोड़ गया

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